कुछ भूल गए अपने-Sad Shayri in hindi
था शाम का आलम, थी सर्द हवाएं…
था घोर अँधेरा, थी सुर्ख फिजाएं!
हर जश्न में शामिल, थी कोई कमी सी…
हर रात में शामिल, थी कोई नमी सी!
कोई रात थी गुज़री, था यादों का पहरा…
पर दिल में बसा था, सिर्फ तेरा ही चहरा!
मुमकिन ना था कहना, हर बात को तुमसे…
तुम छोड़ गए हमको, मुह मोड़ के हमसे!
कुछ हार गई तकदीर, कुछ टूट गए सपने..
कुछ गैरों ने किया बर्बाद, कुछ भूल गए अपने!
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amazing
i love these words
Thank You very much for appreciation.