छल – हिंदी कहानी | स्टोरी इन हिंदी
एक बार एक नगर में एक चौर चोरी करने में इतना माहिर हो गया की कोई कभी उसे पकड़ ही नहीं पाता था| चौर रोज नगर में कई घरों के ताले तौड़ देता और घरों से कीमती माल, सोना-चांदी और नगदी ले जाता| रोज-रोज नगर में हो रही चौरीयों से नगर वासी परेशान थे|आखिरकार एक दिन इन चौरीयों से तंग आकर नगर वासियों ने राजा के पास जाने का फैसला किया| अगले दिन नगर वासी एकत्रित होकर राजा के पास राजा के महल में पहुंचे और नगर में प्रतिदिन हो रही चोरियों के निवारण के लिए उचित प्रबंधन करने की विनती की| स्टोरी इन हिंदी
राजा ने प्रजा की समस्या सुनकर नगर कोतवाल को चौर को पकड़ने के लिए तलब किया| राजा ने नगर कोतवाल को सात दिन के भीतर चौर को पकड़ने का आदेश दिया|राजा का आदेश पाकर नगर कोतवाल ने चौर को पकड़ने में अपनी पूरी जान लगा दी और आख़िरकार सातवे दिन चौर पकड़ा गया| चौर को राजा के समक्ष प्रस्तुत किया गया| सभी दलीलें सुनने के बाद राजा ने चौर को फासी की सजा सुना दी| फासी के लिए चौर को नगर के बिच से फासी स्थल की और ले जाया गया| चौर को देखने के लिए मार्ग पर भारी भीड़ जमा थी| उसी भीड़ में एक मल्लिका नाम की वेश्या भी थी| चौर अत्यन्तं रूपवान और हष्ट-पुष्ट था| चौर के बलवान शरीर को देखकर वेश्या उस पर मोहित हो गई और कोतवाल से चौर को 100 स्वर्ण मुद्राओं के बदले छोड़ने का आग्रह किया| कोतवाल लालची था, वह वेश्या के लालच में फस गया और बोला, “मुझे तुम्हारी शर्त मंज़ूर है लेकिन चौर के बदले में तुम्हें मुझे कोई दूसरा व्यक्ति फासी के लिए भेजना होगा| वेश्या ने चौर की शर्त मंज़ूर कर ली|
छल – स्टोरी इन हिंदी
वेश्या पर उसी नगर के एक सेठ का पुत्र मोहित था| वह नित्य ही वेश्या के पास आता-जाता रहता था| अगले दिन मल्लिका ने नगर सेठ के पुत्र के आने पर उससे कहा, “यह चौर मेरा निकट सम्बन्धी है| नगर कोतवाल ने उसे छोड़ने के बदले में 100 स्वर्ण मुद्राएँ मांगी है| अतः तुम नगर कोतवाल को यह 100 स्वर्ण मुद्राएँ देकर आ जाओ| मल्लिका के प्रेम में पागल नगर सेठ का पुत्र कोतवाल के पास पहुंच गया| कोतवाल ने उसे मल्लिका द्वारा फासी के लिए भेजा गया आदमी समझकर नगर सेठ के पुत्र को ही फासी पर चढ़ा दिया और चौर को छोड़ दिया|
मल्लिका ख़ुशी-ख़ुशी चौर के साथ रहने लगी| कुछ दिनों बाद चौर का मन मल्लिका से उब गया और उसने सोचा, कि “अगर मेरे जैसे अनजान व्यक्ति के लिए यह अपने प्रेमी को मरवा सकती है तो फिर किसी और के लिए यह मेरी बलि भी दे सकती है|”
बस चौर के इतने सोचने भर की देर थी और चौर मल्लिका का सारा धन लूटकर अगले ही दिन फरार हो गया|
इसीलिए दोस्त कहा गया है, “छल का फल छल के रूप में ही सामने आता है, इसीलिए कभी भी किसी के साथ विश्वासघात नहीं करना चाहिए|”
छल – स्टोरी इन हिंदी
अब अपने घर-परिवार के बच्चों को ज़िन्दगी का ज्ञान कहानियों द्वारा सिखाएं, प्रेरणादायक हिंदी कहानियां पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करे
दोस्तों आपको हमारा यह आर्टिकल “ छल – स्टोरी इन हिंदी” कैसा लगा हमें Comment Section में ज़रूर बताएं और हमारा फेसबुक पेज जरुर Like करें|
nice story
Thank you very much for appreciation.
Very Nice Story loved it Moral Hindi kahani
हम प्रयत्न करते हैं कि हिंदी भाषाके लेखकों को एक खास मंच दिया जाए|
Nice Hindi Story
आपका बहुत बहुत धन्यवाद!!